Skip to main content

 हेल्प लाइन नमबर 

हेल्पलाइन नंबर छतीसगढ 

महतारी एक्सप्रेस  102
आरोग्य सेवा एवं स्वास्थ्य परामर्श केंद्र104
संजीवनी एक्सप्रेस108
वुमन हेल्पलाइन1091
चाइल्ड हेल्पलाइन1098
स्वछता स्ट्रीट लाइट्स एवं जल आपूर्ति संबंधी1100
विधुत संबंधी समस्या1912
बाल विकास अधिकार1800-233-0055
किसान कॉल सेंटर1800-233-1551
राशन कार्ड से संबंधित शिकायतों के लिए1800-233-3663
नागरिक कॉल सेंटर155300
एयरपोर्ट2418201

Comments

Popular posts from this blog

Face mask

Prevention better than cure  Face mask :- Face mask are the one of the Best way to  the privent the communicable disease. The a pandemic disease are speared to privent scientists and medical professional and poupal use to the face mask.   Social distancing :-  the WHO Official recommendation and guidelines to keep you and your community sate to use the face mask . Social distancing: - The central for diseases control and prevention ( CDC ) continue to maintaining the social distance. The one and other pupil to the  1 mitar to the any palace and market and public place . Maintence of face mask :- The virus infection spread by the droplets and body fluid exposure gets into air when we  Cough . Sneeze . Even laugh or talk . (CDC ) central disease  control recommends :- Wash your hands before applying face mask . Cayer fully apply face mask to the wit ties or ear loops . Fit the mask your face  ...
                                        कबीर पंथ  क्या है कबीर पंथ  कबीर 15वीं सदी के भारतीय रहस्यवादी कवि और संत थे. वह हिन्दी साहित्य के भक्तिकालीन युग के प्रवर्तक थे. निर्गुट विचारधारा को मानते थे. उनकी रचनाओं का काफी असर पड़ा. कबीर के शिष्यों ने फिर उनकी विचारधारा पर एक पंथ की शुरुआत की, जिसे कबीर पंथ कहा जाता है. माना जाता है कि देशभर में करीब एक करोड़ लोग इस पंथ से जुड़े हुए हैं. हालांकि ये पंथ भी अब कई धाराओं में बंट चुका है. संत कबीर ने अपने विचार फैलाने का जिम्मा चार प्रमुख शिष्यों को दिया. ये चारों शिष्य 'चतुर्भुज', 'बंके जी', 'सहते जी' और 'धर्मदास' थे, जो देशभर में चारों ओर गए ताकि कबीर की बातों को फैलाकर एक अलग तरह का समाज बनाया जा रहा है. हालांकि उनके पहले तीन शिष्यों के बारे में कोई बहुत ज्यादा विवरण नहीं मिलता. हां, चौथे शिष्य धर्मदास ने कबीर पंथ की 'धर्मदासी' अथवा 'छत्तीसगढ़ी' शाखा की स्थापना की थी, जो इस समय देशभर में सबसे मजबूत कबीर पं...
                                          कबीर वाणी  कबीर की वाणी जीवन की आपाधापी में हर इंसान अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हाथ—पांव मार रहा होता है, लेकिन किसी भी क्षेत्र में सफलता की सीढ़ियों पर चढ़ना इतना आसान भी नहीं होता है। अक्सर आपकी साधना के मार्ग या फिर कहें लक्ष्य की राह में तमाम मुश्किलें आती हैं। एक आम आदमी को समाज में आज जो भी समस्याएं या मुश्किलें दिखाई दे रही हैं, उनके बारे में ने बहुत पहले ही विस्तार से चर्चा कर दी थी। साथ ही उसके व्यवहारिक समाधान भी बताए थे। संत कबीर की दिव्य वाणी का प्रकाश आज भी हमें समस्याओं के अंधेरे से निकाल कर समाधान के प्रकाश में ले जाती है। आइए जिंदगी का फलसफा सिखाने वाली ऐसी ही कबीर की दिव्य वाणी का सार जानते हैं।                                                          ...